एक संपन्न नगर - A Thriving Urban - Hindi Story New Weird Web Series Family Story in Hindi
एक संपन्न नगर (Family Story) - Hindi Kahani
नमस्ते दोस्तों,
आप सभी लोगों का Weird वेब सीरीज पर स्वागत है।
जब भी हम कोई कहानी सुनते हैं, तब न केवल सुनते ही नहीं है , बल्कि उसे महसूस भी करते हैं। कहानी हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव डालती है।
कहानी से हम बहुत कुछ सीखते हैं। वह हमारे जीवन में कठिन परिस्थितियों में हो या खुशियों में दोनों में सहायक होती है।
कहानी से हमें ज्ञान, नैतिकता और प्रेरणा मिलता है, और यह हमारे जीवन में एक सूर्य के समान प्रकाश भी डालती हैं।
कहानियां जब हम बचपन में सुनते थे, अपने दादा-दादी से तो हमारे मन में बहुत सारे विचार आ जाते थे।
लेकिन आज कहानियों का मतलब ऐसा लगता है। कि हमारे जीवन में हर कदम पर हमें प्रेरणा देती हैं।
आज, मैं ऐसी ही एक कहानी आप सभी लोगों के लिए लेकर आया हूं। इस कहानी का नाम ‘एक संपन्न नगर’ है।
इस कहानी में ‘एक संपन्न नगर’ है। इस संपन्न नगर के लोग अपने पुराने रीति-रिवाजों और धर्म, संस्कृति को बहुत मानते हैं। और सभी लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। यह नगर बहुत ही स्वच्छ और सुंदर है।
और इस नगर में दो दोस्त रहते हैं। जिनका नाम नेब्रो और बेब्रो है। और यह प्रतिदिन अपने विद्यालय जाते हैं। और उनके माता-पिता प्रतिदिन इनको विद्यालय छोड़ने जाते हैं। और यह कक्षा तीन के विद्यार्थी हैं। और यह पढ़ने में बहुत अच्छे हैं।
आइए अब इस कहानी पर चलते हैं। और इस कहानी को सुनते हैं। और इस कहानी के हर एक पहलू का आनंद लेते हैं।
एक संपन्न नगर -A Thriving Urban - Weird Web Series Family Story - Hindi Story
भाग 1 उत्सव (Festival) - Hindi Story
एक संपन्न नगर था। जहां पर लोग अपने पुराने रीति-रिवाजों और धर्म, संस्कृति को बहुत मानते थे। नगर बहुत ही स्वच्छ और सुंदर था। यहां पर लोग एक साथ मिलजुल कर रहते थे। और वह एक-दूसरे की मदद भी करते थे। नगर में जब भी कोई उत्सव आता था, तो सभी लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते थे। और वह बच्चों के मनोरंजन के लिए सर्कस का आयोजन करते थे। और बच्चों के साथ वह भी सर्कस का आनंद लेते थे। इस नगर के सभी बच्चे बहुत ही संस्कारी थे। जो अपने से बड़ों का बहुत ही आदर और सम्मान करते थे।
नगर में उत्सव आया। और नगर में खुशियां लाया। और चारों तरफ उत्सव की तैयारी चल रहा था। सभी लोग बहुत प्रसन्न थे। और उत्सव मना रहे थे। नगर के लोगों ने बच्चों के लिए सर्कस का आयोजन किया था। और सर्कस का आयोजन सुनकर बच्चे बहुत प्रसन्न थे। चारों तरफ खुशियों का माहौल चल रहा था।
एक दिन सभी लोग सर्कस देखने गए। सर्कस में सभी प्रकार के जीव-जंतु आए हुए थे। सर्कस में बहुत ही रंग-बिरंग के जानवर भी थे। सर्कस में बच्चे अपने माता-पिता के साथ सर्कस देखने गए थे। और बच्चे बहुत प्रसन्न थे। सर्कस सुबह से चल रहा था। और फिर सभी लोगों ने सर्कस के लिए टिकट लिए। और फिर सर्कस देखने के लिए अंदर चले गए। सर्कस में सभी प्रकार के जानवरों को देखकर बच्चे बहुत प्रसन्न हुए। सर्कस में विभिन्न प्रकार के जाति-प्रजातियों के जानवर भी आए हुए थे। जिन्हें बच्चे देखकर बहुत प्रसन्न हो रहे थे।
सर्कस चल रहा था। सभी लोग सर्कस देख रहे थे। और तभी अचानक से एक हाथी एक बच्चे के पास चला जाता है। यह दृश्य देखकर सभी लोग घबरा जाते हैं। लेकिन हाथी बच्चे को कुछ नहीं करता है। वह उसके सिर पर अपना शूॅंड रखता है। और उसे प्यार से सहलाता है। ऐसा लगता है। जैसे कि हाथी उस बच्चे को प्यार कर रहा है। यह देखकर बच्चा भी अपना हाथ उसके शूॅंड पर रखता है। और सहलाता है। फिर हाथी सर्कस में चला जाता है।
सभी लोग प्रसन्न हो जाते हैं। अब शाम हो जाती है। और फिर सर्कस समाप्त हो जाता है। और फिर सभी लोग एक-दूसरे को धन्यवाद करते हैं। और सभी लोग अपने-अपने घर चले जाते हैं।
भाग 2 साहस का पाठ (Lesson of Courage) - Hindi Kahani
सुबह हो जाती है। और पक्षियों की मधुर स्वर सुनाई देती है। और ठंडी-ठंडी हवाएं चल रही होती हैं। और नगर के लोग अपने बच्चों के साथ टहलने के लिए बगीचे में गए होते हैं। और फिर लोग नगर में वापस आते हैं। और अपने बच्चों को विद्यालय जाने के लिए तैयार करते हैं। और फिर उन्हें विद्यालय छोड़ने जाते हैं।
बच्चे अपने विद्यालय में जाते हैं, और प्रार्थना करते हैं। और फिर अपनी कक्षा में चले जाते हैं। कक्षा में अध्यापक आते हैं। और सभी बच्चों को कहते हैं। कि सभी लोग अपनी-अपनी हिंदी की किताब निकाल लो। और फिर सभी बच्चे अपनी हिंदी की किताब निकाल लेते हैं। तब अध्यापक कहते हैं। कि बच्चों आज हम साहस का पाठ पढ़ेंगे। और फिर अध्यापक बच्चों से कहते हैं। कि सभी लोग अपना-अपना साहस का पाठ खोल लो। और फिर सभी बच्चे अपना-अपना साहस का पाठ खोल लेते हैं। और फिर अध्यापक पढ़ाने लगते हैं।
अध्यापक साहस के बारे में बच्चों को पढ़ाते हैं। कि साहस सभी मनुष्यों के अंदर होता है। वह साहस से बहुत कुछ कर सकता है। अध्यापक साहस के बारे में बहुत बताते हैं। तभी नेब्रो खड़ा होता है। और पूछता है। कि क्या वह बड़े-बड़े पहाड़ों पर भी चढ़ सकते हैं। अध्यापक उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हैं। और कहते हैं। हां चढ़ सकते हैं। कोई भी मनुष्य अपने साहस से बहुत कुछ कर सकता है। वह बड़े-बड़े पहाड़ों, नदियों और समुद्राओं को भी पार कर सकता है। और फिर अध्यापक साहस के बारे में बच्चों को बहुत कुछ पढ़ाते हैं।
फिर नेब्रो खड़ा होता है, और अपने नगर के सर्कस के बारे में बताता है। कि कल सर्कस में उसके यहां अचानक एक हाथी एक बच्चे के पास चला गया था। लेकिन बच्चे को कुछ नहीं किया। बच्चा भी बहुत साहसी था। हाथी उसके सिर पर शूॅंड रखकर सहला रहा था। और फिर बच्चे ने भी अपने हाथों से हाथी को सहलाया। फिर हाथी सर्कस में चला गया।
फिर अध्यापक बताते हैं। कि साहस का प्रयोग मनुष्य को हर जगह नहीं करना चाहिए। नहीं तो मनुष्य को नुकसान हो सकता है। और साहस का प्रयोग कभी भी गलत तरीके से नहीं करना चाहिए। नहीं तो जोखिम उठाना पड़ सकता है। इसलिए साहस का प्रयोग अच्छे कार्य को करने के लिए करना चाहिए। और फिर अध्यापक बच्चों को बड़े-बड़े पर्वतारोहियों के बारे में बताते हैं। और फिर शाम हो जाती है। और छुट्टी हो जाती है। और सभी बच्चे अपने-अपने घर जाने लगते हैं।
भाग 3 बुद्धि (wisdom) - Hindi Story
रास्ते में पहलवान बच्चों से पूछते हैं। कि बच्चों आज क्या पढ़े हो। फिर बच्चे उन्हें बताते हैं। कि आज उन्हें अध्यापक ने साहस का पाठ पढ़ाया है। और बताया कि साहस बहुत बड़ा शक्ति होता है। जिससे कि मनुष्य कुछ भी कर सकता है। वह बड़े-बड़े पहाड़ों पर भी चढ़ सकता है। समुद्रों को भी पार कर सकता है। फिर पहलवान ने अच्छा कहा।
तब फिर पहलवान ने बच्चों को बताया। कि बच्चों साहब से भी बड़ा एक और शक्ति होती है। जो बुद्धि है। मनुष्य अपने बुद्धि से भी बहुत कुछ कर सकता है, जो साहस नहीं कर सकता है। वह बुद्धि से कर सकता है। फिर पहलवान ने बताया। कि मनुष्य को अपने साहस और बुद्धि दोनों का प्रयोग करना चाहिए। बच्चे यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुए। और कहें कि एक और शक्ति बुद्धि मिल गई। फिर नगर आ गया। और बच्चे कार से उतर गए। और अपने घर चले गए।
भाग 4 समझदारी और धैर्य Intelligibility and Patience - Hindi Story
रात हो गई। और फिर बेब्रो ने खाना खाया। और फिर बिस्तर पर चला गया। फिर उसकी मां ने उससे पूछा कि बेब्रो आज क्या पढ़े। फिर बेब्रो ने बताया। कि आज अध्यापक ने उसे साहस का पाठ पढ़ाया। और बताया कि साहस मनुष्य के अंदर एक बहुत बड़ी शक्ति होती है। जो मनुष्य कुछ भी कर सकता है। वह बड़े-बड़ेे पहाड़ों पर भी चढ़ सकता है। फिर रास्ते में वह आ रहा था। तो उसे एक पहलवान मिल गए। और पहलवान ने बताया। कि बुद्धि साहस से भी बड़ी होती है। उसकी मां ने सुना और कहा बहुत अच्छा।
फिर उसकी मां ने बेब्रो को बताया। कि साहस और बुद्धि से भी बढ़कर समझदारी होती है। मनुष्य का जहां पर साहस और बुद्धि से काम नहीं चलता है। वहां पर समझदारी से काम लेना चाहिए। यही मनुष्य की पहचान होती है। फिर बेब्रो ने कहा कि समझदारी भी एक शक्ति है। जो कि साहस और बुद्धि से बड़ी है।
फिर उसके पिता ने कहां कि इससे भी बड़ी एक और शक्ति होती है। वह धैर्य हैं। मनुष्य को जब समझदारी, साहस और बुद्धि से काम नहीं बनता है। वहां पर मनुष्य को धैर्य रखना चाहिए। और यही मनुष्य की असल पहचान होती है। बेब्रो खुश हुआ। और फिर काफी रात हो गई थी। और फिर सभी लोग सो गए।
भाग 5 बाढ़ Flood - New Hindi Story
और फिर सवेरा हुआ। आसमान में चारों तरफ बादल छाए हुए थे। ऐसा लग रहा था। कि बरसात होने वाली है। और फिर बहुत तेज बरसात होने लगी। बरसात कई दिनों तक होती रही। नदी-नाले सब भर गए थे। चारों तरफ जल ही जल था।
धीरे-धीरे पानी नगर में भी घुसने लगा। और फिर नगर में भी पानी आ गया। चारों तरफ पानी ही पानी था। और सभी लोग इधर-उधर अपने बचाव के लिए भाग रहे थे। फिर कुछ दिनों के बाद पानी धीरे-धीरे सूखने लगा।
और फिर धीरे-धीरे धूप होने लगी। और फिर सभी लोग खुश हुए। नगर में बाढ़ के चलते। नगर में बहुत कुछ नुकसान हुआ था।
फिर लोगों ने अपने नगर को संपन्न बनाने के लिए लोगों ने बहुत मेहनत किया। और फिर लोगों ने अपने साहस, बुद्धि, समझदारी और धैर्य से काम लिया।
5 साल के बाद अब संपन्न नगर फिर से संपन्न हो गया।
दोस्तों, मैं आशा करता हूं। कि 'एक सम्पन्न नगर' (A Thriving Urban) Web Story, कहानी आपको पसंद आई होगी। और आपको इस कहानी से कुछ सीखने को मिला होगा।
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